कविता




अक्षय कंदील  

वह तो हृदय प्रदेश का झरना...
कौन रोके यह झरना-बहना...

सांस-सांस में जिसके सवाल... 
कैसे मिटाये निरूत्‍तर काल...

आंचल-परिधि अछोर बड़ी 
महाकवियों की अनंत कड़ी


आदिकवि का करुणा-आस्‍वाद
तुलसी कबीर निराला प्रसाद



ऐसा साधना-बल महान... 
जिन शिराओं में प्रवहमान...

वह शब्‍द-देह स्‍वत: अक्षर...
सदानीर यह प्राण निर्झर... 

हर अंधेरे में अक्षय कंदील... 
ठुंकी रहेगी काल पर कील...

हर क्षण कुछ न कुछ कहेगी... 
कविता थी, है व सदा रहेगी...
               श्‍याम बिहारी श्‍यामल 






             
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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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