हवा रहे खिलाफ

चित्र : साभार गूगल  अबाध हो बहना  श्याम बिहारी श्यामल  बूतों से कहना  छोड़ें चुप रहना  मंज़िल बाक़ी है  बहुत तेज चलन...
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बे-दलील बदहवास बेचैन हो उठे

कुनबा-ए-शैतां अब मैदानछोड़ था  श्याम बिहारी श्यामल  एक शख्स जो शुरू से ही हंसोड़ था क्यों उसका ज़वाब हर अब मुंहतोड़ था  कौन ...
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क्यों इसकी अब तक दवा न बनी है

ताक रहीं बोल रहीं शक़्लें टंगी  श्याम बिहारी श्यामल   यह जो टीस-सी ज़िगर में तनी है क्यों इसकी अब तक दवा न बनी है ...
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नामवर सिंह शख्स यह हमारे अदब में हुआ है

तारीख़-ए-अदब मिसाल दूसरी खोज के दिखा श्याम बिहारी श्यामल   बुलंदी ने बनाया खुद को जिनका पहरुआ है  नामवर सिंह शख्स यह हमारे अद...
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उसे लगा मुरीद हैं हम

वह जो हो हम भी कुछ हैं   श्याम बिहारी श्यामल   कब किससे कभी बनी है  अभी ज़िन्दगी से ठनी है   अगर वह वक़्त की रानी  नाचीज़...
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ज़िंदगी बेसाख्ता तू हमसे मिला कर

रू-ब-रू नहीं होने से बढ़ रहा भरम श्याम बिहारी श्यामल    इतनी-सी इनायत तो मुझ पर अता कर ज़िंदगी बेसाख्ता तू हमसे  मिला कर  ...
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विदा हो रहे अनुपम अनोखे नामवर

खांचा नहीं खींचा कोई फ़र्क न किया श्याम बिहारी श्यामल   धुंध में गुम आज हिंदी का आंगन-घर   विदा हो रहे अनुपम अनोखे नामवर...
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नामवर होने का अर्थ ( भारत यायावर की कृति ) : एक दृष्टिपात

नामवर-निर्मिति का रोचक रोमांचक वृत्‍तांत      पुस्‍तक-समीक्षा 0 श्‍यामबिहारी श्‍यामल     ''...अ पने देश में आम जनता तक ब...
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नामवर जी का महाप्रस्थान, हिंदी साहित्य पर वज्रपात

२८ जुलाई २०१८ को दिल्ली में राजकमल प्रकाशन के तत्वावधान में नामवर जी के जन्म-दिन  पर आयोजित समारोह का चित्र! संयोग से यह अब नामवर जी  ...
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