नया ज़हां एक बने याद रखा


क़ाफ़िया-ओ-बहर साथ में रहे 

श्याम बिहारी श्यामल 

शै को भरसक हर सिम्त सजाया 
मक़सद-ए-ग़ज़ल कुछ यूं बनाया 

नया ज़हां एक बने याद रखा 
कुछ और कभी न हिसाब लगाया 

रोज़मर्रे रोकते राह जब-तब 
नज़्म ने उन्हें फ़ौरन हटाया 

सुरंग स्याह और वीरानी थी 
अशआर ने खींचा औ' बढ़ाया 

क़ाफ़िया-ओ-बहर साथ में रहे  
नाचीज़ को यूं श्यामल बनाया





   


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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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