अक्श दिखाता है हर बार उल्टा
श्याम बिहारी श्यामल
सबको अक्श दिखाता है आईना
अपनी शक्ल छुपाता क्यों आईना
कहीं तो इस खेल में घालमेल है
तीर पल-पल चलाता क्योंआईना
सामना होते सामने यह सवाल
क्यों यों मुंह बिराता है आईना
कैसा चालाक खुदमुख्तार है
ज़ज्बात कभी दिखाता न आईना
अक्श दिखाता है हर बार उल्टा
श्यामल खूब छकाता है आईना
जवाब देंहटाएंसबको अक्श दिखाता है आईना
अपनी शक्ल छुपाता क्यों आईना ...वाह,क्या बात है
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं