क्यों तिस्नगी है दौलत रग-रग में तेरी
श्याम बिहारी श्यामल
ज़िंदगी इनायत कब तलक फरमाएगी
बात निकले तब तो दूर तलक जाएगी
हर सिम्त यह सिलसिला-ए-पहेली कैसे
बेखुदी कब लगा अब तलक सताएगी
क्यों तिस्नगी है दौलत रग-रग में तेरी
ज़वाब बता कब हम तलक पहुंचाएगी
अगर फ़रेब से वक़्त के ताल्लुक़ात नहीं
हक़ीक़त रंग कभी यक-ब-यक दिखाएगी
श्यामल देख चुके दरिया से समंदर तक
रंगत-ए-क़रार कब हलक तक आएगी
अगर फ़रेब से वक़्त के ताल्लुक़ात नहीं
जवाब देंहटाएंहक़ीक़त रंग कभी यक-ब-यक दिखाएगी
...वाह