हक़ीक़त रंग कभी यक-ब-यक दिखाएगी



क्यों तिस्नगी है दौलत रग-रग में तेरी

श्याम बिहारी श्यामल 

ज़िंदगी इनायत कब तलक फरमाएगी 
बात निकले तब तो दूर तलक जाएगी 

हर सिम्त यह सिलसिला-ए-पहेली कैसे 
बेखुदी कब लगा अब तलक सताएगी

क्यों तिस्नगी है दौलत रग-रग में तेरी
ज़वाब बता कब हम तलक पहुंचाएगी  

अगर फ़रेब से वक़्त के ताल्लुक़ात नहीं 
हक़ीक़त रंग कभी यक-ब-यक दिखाएगी 

श्यामल देख चुके दरिया से समंदर तक
रंगत-ए-क़रार कब हलक तक आएगी







  
Share on Google Plus

About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
    Blogger Comment
    Facebook Comment

1 comments:

  1. अगर फ़रेब से वक़्त के ताल्लुक़ात नहीं
    हक़ीक़त रंग कभी यक-ब-यक दिखाएगी
    ...वाह

    जवाब देंहटाएं