हवा रहे खिलाफ

चित्र : साभार गूगल 

अबाध हो बहना 

श्याम बिहारी श्यामल 

बूतों से कहना 
छोड़ें चुप रहना 

मंज़िल बाक़ी है 
बहुत तेज चलना 

हवा रहे खिलाफ 
फिक्र नहीं करना

आफताब छोड़े 
रोज़-रोज़ ढलना 

श्यामल चलते चल 
अबाध हो बहना    





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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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