खटक रहा जहन्नुम दुनिया को
श्याम बिहारी श्यामल
नाम पाक़ पहचान भद्दी है
सोच-समझ एकदम रद्दी है
खुद को निगलने पर तुला हुआ
निहायत वह ज़ाहिल ज़िद्दी है
आक़ा-ए-मुल्क कैसा उसका
हुक्मरान वह या मुसद्दी है
खटक रहा जहन्नुम दुनिया को
खून में डूबी वह गद्दी है
श्यामल मुगालते में कमबख्त
क्यों भूल बैठा वह पिद्दी है
About
Shyam Bihari Shyamal
Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
श्याम बिहारी श्यामल
जवाब देंहटाएंनाम पाक़ पहचान भद्दी है
सोच-समझ एकदम रद्दी है ....यही सही पहचान है उस कपूत की