सखा निलय
श्याम बिहारी श्यामल
सखा-भाव के महासमुद्र का जिसमें हो चुका विलय
वही शख्स तो चमक रहा आज बनकर कवि निलय
बिसरा नहीं है दो दशक पुराना धनबाद का वह दृश्य
आरा से आए कवि-मित्र के प्रेम का विरल परिदृश्य
बंधुवर शिवदेव के बाग में जमे थे हम साथी दो-चार
चली देर तक संस्मरणों व कविता की बारीश-बौछार
जब से मित्रवर ने कर लिया है मायानगरी का रुख
आभासी दुनिया बूंद-बूंद चटा रही मित्रता का सुख
बहरहाल यात्रा इतिहास में जोड़ रहे जो नया अध्याय
शत-शत शतायु हों वह अनन्य निलय उपाध्याय
सुखकर कि यात्रा-क्रम में ही जन्म-तिथि भी आई..
मित्रवर आज स्वीकार कीजिए बधाई बधाई बधाई..
सखा-भाव के महासमुद्र का जिसमें हो चुका विलय
वही शख्स तो चमक रहा आज बनकर कवि निलय
बिसरा नहीं है दो दशक पुराना धनबाद का वह दृश्य
आरा से आए कवि-मित्र के प्रेम का विरल परिदृश्य
बंधुवर शिवदेव के बाग में जमे थे हम साथी दो-चार
चली देर तक संस्मरणों व कविता की बारीश-बौछार
जब से मित्रवर ने कर लिया है मायानगरी का रुख
आभासी दुनिया बूंद-बूंद चटा रही मित्रता का सुख
बहरहाल यात्रा इतिहास में जोड़ रहे जो नया अध्याय
शत-शत शतायु हों वह अनन्य निलय उपाध्याय
सुखकर कि यात्रा-क्रम में ही जन्म-तिथि भी आई..
मित्रवर आज स्वीकार कीजिए बधाई बधाई बधाई..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (29-01-2014) को वोटों की दरकार, गरीबी वोट बैंक है: चर्चा मंच 1507 में "अद्यतन लिंक" पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'