रोशनी की धरती
प्रकाश का आकाश
श्याम बिहारी श्यामल
जहां भी अंधकार उठे, दीप से दीप जले
रोशनी का काफिला चलता चले चलता चले
रुके नहीं थके न कभी ज्योति का अभियान यह
हर अंधेरे की छाती पर दीया यह मूंग दले
जब भी करें अट्टास अज्ञान अहंकार अतिवाद
ज्योति का अग्नि-आलाप तमो पर आग मले
दीया हवा पर ताप रखे मनों में ऊर्जा भरे
कालिमा राख बने कालिख तिल-तिलकर गले
विषधर शून्य-सन्नाटा जब भी फण निकाले
दीपक राग गूंजे, कालिये का दर्प ढले
दीया यों कि सदा विवेक-शक्ति प्रज्वलित रखे
कि जगमग लिबास में न कोई तम छले
रोशनी की धरती हो प्रकाश का आकाश बने
ज्योति ऐसी अबाध कि कभी न कोई रात खले
कहीं भी अंधकार उठे, दीप से दीप जले
रोशनी का काफिला चलता चले चलता चले
आप सबको सपरिवार दीपावली शुभ एवं मंगलमय हो। अंग्रेजी कहावत है -A healthy mind in a healthy body लेकिन मेरा मानना है कि "Only the healthy mind will keep the body healthy ."मेरे विचार की पुष्टि यजुर्वेद क़े अध्याय ३४ क़े (मन्त्र १ से ६) इन छः वैदिक मन्त्रों से भी होती है .
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