भारत यायावर : झेलते हुए Shyam Bihari Shyamal 10:10 am 2 Comments Edit यह महसूस हुए बगैर नहीं रह सका कि अपनी उपेक्षा से कैसे आज एक महत्ती रचनाकार कातर होकर इस कदर हत्संदर्भ होकर रह गया है कि उसे अपने क... Read More
कामायनी का हीरक-उत्सव Shyam Bihari Shyamal 10:32 am 2 Comments Edit घर में दो दिन पहले से 'कामायनी' का मंचन देखने चलने की ललक क्रमश: गाढ़ा हो रही थी। सविता जी ही नहीं, तृषांत और निरंजन देव भी अपन... Read More
श्यामबिहारी श्यामल / कहानी : गीली मिठास Shyam Bihari Shyamal 7:17 am Add Comment Edit लाल बाबू ने हमेशा महसूस किया है कि ऊपर की कमाई भीतर से खंधारती चली जाती है... लगातार कमजोर और अपनी ही नजर में चोर बनाती हुई. किसी भ... Read More
आत्मबयान Shyam Bihari Shyamal 7:33 am 14 Comments Edit दो कविताएं 0 श्याम बिहारी श्यामल फिर रचूंगा मैं धार पर ओठंघकर टेरूंगा जिन्दगी हंकाऊंगा बार-बार परबत पर प्यार ... Read More