आंखों का तराजू बड़ा बेदर्द श्याम बिहारी श्यामल मंजर-ए-चरागां नहीं यह आम चल रहा हर चराग यहाँ दिल है इसमे लहू जल रहा ...
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सितंबर 2018
श्याम बिहारी श्यामल की गजल : देखेंगे ज़रूर तेल और तेल की धार भी
देखेंगे तेल और तेल की धार भी हमें उनसे भी हमदर्दी है और वही प्यार भी हमारे नाम से जिन्हें आता है गुस्सा बुखार भी गो कि प...
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