बेखुदी बेवक़्त कभी बेमतलब और अक्सर बेसबब श्यामल रह Shyam Bihari Shyamal 8:33 am 1 Comment Edit इल्म-ए-सफ़र दरिया ने जैसे सीखा बहते-बहते यहाँ तक आ गये हम भी यूं ही चलते-चलते मुक़ाम-ए-ज़िंदगी में कोई उस्ताद कहाँ हुआ किया कुछ कहना-... Read More