यह मोहन निर्झर

भांति-भांति के जीव-निजीर्वों से भरी है यह आभाषी दुनिया। कौन कब कहां क्‍या शिगूफा या जहर उगलकर लीपने में जुट जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। ...
Read More

प्रसाद-प्रांगण में पावन परिणय

  चमक रहा महाकवि का अनन्‍य आंगन दिव्‍य यह कामायनी का भव्‍य प्रांगण श्‍यामबिहारी श्‍यामल      का शी के सरायगोवर्द्धन में विख्‍यात...
Read More

निरंजन बेजोड़

निरंजन अनुपम-अनोखा दिमाग में जिसके झर-झर झरता जिज्ञासाओं का झरना जिसकी हर लम्‍हे की फितरत कुछ न कुछ करते रहना जिद ऐसी कि हजार वोल...
Read More

नामवर जी का आज 87 वां जन्‍म-दिन

चाहे जितने-जैसे सवाल, पर मिसाल बेमिसाल  नामवर सिंह श्‍यामबिहारी श्‍यामल   नामवर जी हमारे साहित्‍य समाज में ऐसे पहले व्‍यक्तित्‍व...
Read More