क़िरदार-ए-मज़ाक फ़टेहाल वह

वाराणसी में विजया सिनेमाहॉल में चौदह नवंबर(वर्ष 2018) को फिल्म 'मोहल्ला अस्सी' की स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान विख्यात कथाकार ...
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श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल : धरती नहीं किसी भी खूंटी पर टंगी है

सूरज को अब तक तो हंकाना नहीं पड़ा   श्याम बिहारी श्यामल   यह फूल रंगा है न यह पत्ती रंगी है   धरती नहीं किसी भी खूंटी से...
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श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल : कुछ ख़ास कहा न गया

 बेशर्म झूठ यह सहा न गया   श्याम बिहारी श्यामल  गुमज़ुबां अब और रहा न गया  हालांकि कुछ  ख़ास कहा न गया दिन को रात क...
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श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल - 140

शिकंजा कसने की किसमें भला हिम्मत थी    श्याम बिहारी श्यामल   सबको कुबूल यहां पोशीदा हक़ीक़त थी छुपने-छुपाने की अब कहां ज...
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श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल- 139

शरारा ने कहा ज़िंदा रहेंगे हम श्याम बिहारी श्यामल पूरा कुनबा उसी से परेशान था     क्योंकि उसके पास अब भी ईमान था आग ...
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श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल- 132

शोलों को जिलाता श्याम बिहारी श्यामल   बादल में आग है उससे बात कर फ़ुर्सत में श्यामल से मुलाक़ात कर क्या कहाँ कैसे क...
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श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल - 131

सच यही यह बस  श्याम बिहारी श्यामल  जिसे लगती हो लगे यह ग़ज़ल    हमारी  यह तो ज़िंदगी असल   अलामात अल्फाज़ मंज़र  सब      ...
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