वह बे-पानी थे बरसते तो क्या


कहां सुरखाब के पर

श्याम बिहारी श्यामल 

अल्फाज़ बेमानी वह कहते तो क्या
ख्वाब आस्मानी थे अब करते तो क्या

गरज-गरज तड़क-तड़क कर जल चुके थे
वह अब बे-पानी थे बरसते तो क्या

क़्त्लेआम कर रहे हर अंजाम का
खुद ही बे-कहानी थे लिखते तो क्या

अपने होने का हक़ अदा कर न सके
वह बे-मुहानी खुद थे चलते तो क्या

श्यामल के पास कहां सुरखाब के पर
अश'आर रुहानी थे बिखरते तो क्या
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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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