श्याम बिहारी श्यामल की गज़ल- 127


बदली बेशक़ दुनिया

श्याम बिहारी श्यामल

जिसे सब कुछ पता था
शख्स वह लापता था


उसके किस्से थे कई
यही उसका खता था


दम आंखों में दिखता 
कुछ कभी न कहता था


कभी महीनों गायब 
कहाँ-कहाँ रहता था


कभी हर वक़्त हाज़िर
एक पल न हटता था


बदली बेशक़ दुनिया 
लहू बहुत सस्ता था


श्यामल दरिया केवल 
बस तन्हा बहता था
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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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