नायाब सपनों का अनोखा गुलदस्ता निरंजन


कभी प्रात का आलाप कभी राग शाम वाला
एक ऐसा मन जो सतत सक्रिय प्रयोगशाला 
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चमकता सितारा निरंजन

श्याम बिहारी श्यामल 

न पांव थकते न सुस्ताने को तैयार कभी मन
अनवरत बहने वाले दरिया का नाम निरंजन 

जिसे सबकी चिंता और सभी को जिसका ख्याल  
ऐसा सभी का प्यारा सबसे चहेता निरंजन  

भैया विशाल और मम्मी सविता का वह प्यारा
पापा की आँखों का चमकता सितारा निरंजन 

छुटपन से आँखों में तरंगित सपने बड़े-बड़े
नायाब सपनों का अनोखा गुलदस्ता निरंजन 

काशी, धनबाद, रांची, पलामू, पुणे, कोलकाता    
हर जगह दिल्ली-सी गूँज 'हैप्पी बर्थडे निरंजन'  

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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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