सम्पादकाचार्य शिवपूजन सहाय ( 09 अगस्त 1893 - 21 जनवरी 1963 ) |
बीसवीं शताब्दी की रोशनी
इक्कीसवी सदी की एक
यादगार बनारसी शाम
मंगलमूर्ति जी के आवास पर सजा ताजा प्रकाशित ' समग्र ' |
मंगलमूर्ति जी के आवास पर 04 अगस्त 2011 को बायें से सविता सिंह, निरंजन देव सिंह और शिवपूजन बाबू के पौत्र विष्णु सहाय की पत्नी संगीता सहाय। |
रविवार ( 04 सितम्बर 2011 ) की शाम सिगरा इलाके मे स्थित उनके आवास पर किंतु शताब्दी भर पूर्व के काल-विचरण में बीती। प्रोफेसर साहब पटना विश्वविद्यालय ( अंग्रेजी विभाग ) से अवकाशग्रहण के बाद काशी में ही करीब दस साल तक रहकर उक्त काम मे जुटे रहे। पिछले साल उनका एक साक्षात्कार इन पंक्तयों के लेखक ने लिया था जो दैनिक जागरण ( वाराणसी ) में छपा। इसमें मूल रूप से उनके इसी कार्य पर चर्चा रही जो उस समय जारी था। उनके पुत्र विष्णु सहाय यहां पहले टाइम्स ऑफ इण्डिया, उसके बाद रेडियो मंत्रा और अंतत: एचटी ग्रुप में प्रबंधकीय पदो पर रहे जो अब पटना जा चुके है। बच्चों की पढ़ाई के सिलसिले मे परिवार अभी यही है जो जल्द ही पटना शिफ्ट हो जायेगा।
मंगलमूर्ति जी के आवास पर सामने तृषांत सिंह और उनके पीछे निरंजनदेव सिह तथा अनंग यानि शिवपूजन बाबू का प्रपौत्र। |
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