नक़ली पंखों की उड़ान अजब-ग़ज़ब


क़ैद में परिंदे बहुत परेशान 

श्याम बिहारी श्यामल 

नीम हक़ीम जो खतरा-ए-जान थे
कैसे वही अब पसंद-ए-जहान थे

ज़ाहिर है बौनों को बौने मुफ़ीद
सच है हम ज़रा भी नहीं हैरान थे

नक़ली पंखों की उड़ान अजब-ग़ज़ब 
क़ैद में परिंदे बहुत परेशान थे

कोई अता न पता था अंजाम का 
मेरे हाथ बस केवल इम्तिहान थे

श्यामल होना भला बड़ी बात कहां 
पर जो न थे ऐसा क्यों पशेमान थे 
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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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1 comments:


  1. नक़ली पंखों की उड़ान अजब-ग़ज़ब
    क़ैद में परिंदे बहुत परेशान थे...वाह वाह

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