नज़र को हर वक़्त नये नज़रिये का इंतजार Shyam Bihari Shyamal 7:28 am 4 Comments Edit झूठ झूठ है यह भी एक सच श्याम बिहारी श्यामल झूठ झूठ है यह भी एक सच है किसे इन्कार है चुनांचे सच और झूठ का झगड़ा ही बेकार है ... Read More
नक़ली पंखों की उड़ान अजब-ग़ज़ब Shyam Bihari Shyamal 7:24 am 1 Comment Edit क़ैद में परिंदे बहुत परेशान श्याम बिहारी श्यामल नीम हक़ीम जो खतरा-ए-जान थे कैसे वही अब पसंद-ए-जहान थे ज़ाहिर है बौनों को ... Read More
ज़ुनूं-ए-तस्दीक अब तो रोको यारो Shyam Bihari Shyamal 7:59 am Add Comment Edit जगह क़ुदरत ने बख्शी तीरगी के लिए श्याम बिहारी श्यामल कोई जीता है हैवानगी के लिए तो कोई मर जाता ज़िंदगी के लिए दलील ही कहां... Read More
नग्म-ओ-नज़्म है खामोशी Shyam Bihari Shyamal 11:32 pm 1 Comment Edit ज़न्नत-ए-ग़ज़ल तो यहीं श्याम बिहारी श्यामल दु:ख जब कभी यहां आता है यूं ही नहीं लौट जाता है गोकि रस-ओ-रंगत सब ज़िंदा ... Read More
मंज़र-ए-हालात बहुत अच्छे नहीं थे Shyam Bihari Shyamal 7:37 am Add Comment Edit अब जो जीत रहे थे सब सच्चे नहीं थे श्याम बिहारी श्यामल मंज़र-ए-हालात बहुत अच्छे नहीं थे अब जो जीत रहे थे सब सच्चे नहीं थे ... Read More
दुनिया में कहां कम ताहिल हैं Shyam Bihari Shyamal 6:48 am Add Comment Edit जो है सो यही अदना दिल है श्याम बिहारी श्यामल सफ़र यही है यही मंज़िल है जो है सो यही अदना दिल है धार यह सदाबह सदाबह... Read More
लोट रहे क़दमों में जो सब फायदे में थे यहां Shyam Bihari Shyamal 8:10 am Add Comment Edit कौन कहां कैसे यहां इत्मीनान से रह पाता श्याम बिहारी श्यामल मुमकिन कहां किसी का यहां अंजाम से छिपना था जो वक़्त था पल-पल उ... Read More
मंज़र कर रहे आगाह क़ामयाबी यह खतरेजां न बन जाए Shyam Bihari Shyamal 7:57 am Add Comment Edit जुनूं-ए-फ़तह-ए-क़ायनात खतरनाक़ श्याम बिहारी श्यामल तारीख़ भी ताज्जुब नहीं नई तरक्कियों से हैरां हो जाए खतरा लेकिन यह भी कहीं श... Read More
आस-पास की शक्लों को बदलते रहने दिया Shyam Bihari Shyamal 8:01 am Add Comment Edit हालात ने कई बार किया बेचैन श्याम बिहारी श्यामल ज़िंदगी को हिसाब-किताब कभी न बनने दिया उसे दरिया माना और चुपचाप बहने द... Read More
मैं पन्ने पलटता हूं मुझे पढ़ती है क़िताब Shyam Bihari Shyamal 8:20 am 1 Comment Edit दूर खड़ा ताक रहा सहमा हुआ ज़वाब श्याम बिहारी श्यामल मैं पन्ने पलटता हूं मुझे पढ़ती है क़िताब मेरी ही आंखों से मुझे देख रहा है ख... Read More
दबी जुबां पूछती ज़िंदगी हमसे Shyam Bihari Shyamal 8:16 am 1 Comment Edit शायद ही कोई राज़-ए-ज़हां पोशीदा रह जाएगा श्याम बिहारी श्यामल हमारे बनाए चांद-सूरज आसमां जब चमकाएगा अफ़सोस कोई खूबसूरत भर... Read More
दिन वह सबसे बुरा जब हर ओर हो पोशीदा चुप्पी Shyam Bihari Shyamal 7:02 am 1 Comment Edit एहतराम उसका जो देखे हमें और जलने लगे श्याम बिहारी श्यामल ऐसा भी क्या हर कोई हमसे ही इश्क़ करने लगे एहतराम उसका जो देखे ह... Read More
हरकारे हैं हम दरअसल अपनी ही आदत से अब लाचार Shyam Bihari Shyamal 7:32 am Add Comment Edit रह-रह कर गूंज रही हांक हमारी श्याम बिहारी श्यामल यह तो पता है हमारे ग़ज़ल-ओ-नज़्म असर क्या दिखाएंगे जो महान किताबों से न डोले... Read More
छाने न पाए भीतर तक मुर्दा सन्नाटा Shyam Bihari Shyamal 8:53 am 1 Comment Edit हालात तो बदलेंगे श्याम बिहारी श्यामल चाहे थोड़ी ही किंतु आग को जलाए रख हालात तो बदलेंगे यकीं को बचाए रख कौन सुन रहा या... Read More
सांसें क्यों कई-कई घुट रही हैं Shyam Bihari Shyamal 7:19 am 1 Comment Edit दिलफ़रेब हैं बेशक़ खूबसूरत ऊँचाइयां श्याम बिहारी श्यामल रंगतें कई-कई बे-आवाज़ फूट रही हैं हाथ लगाए बिना चीज़ें कई टूट रही है... Read More
ज़मीन को तरस रहे गुंबद Shyam Bihari Shyamal 5:33 am 1 Comment Edit मंज़र कौन आधे और कौन समूचे श्याम बिहारी श्यामल नक्स-ए-हालात वक़्त ने ग़ज़ब खींचे हैं ऊंट सब ऊपर हैं और पहाड़ नीचे हैं ज़माने... Read More
संग-ए-राह भूलें न हमें दिली अर्ज़ है Shyam Bihari Shyamal 8:58 am Add Comment Edit मुखड़ा अनजाना सामने किसका श्याम बिहारी श्यामल सबक-ए-घाटा तो फायदे में दर्ज़ है शुक्र-ए-अदायगी अब हमारा फ़र्ज़ है क़दम-क़दम ... Read More
दुश्वारियों से बेखबर हर फूल खिला था Shyam Bihari Shyamal 8:52 am 1 Comment Edit क़ातिलों को भी पसंद था मसलना उन्हें श्याम बिहारी श्यामल कहीं लाल हरा तो कहीं नीला पीला था कौन-सा रंग डालों पर जो नहीं खि... Read More
परेशां-सा दिखा है जो भी शख्स यहाँ मिला Shyam Bihari Shyamal 7:23 am 1 Comment Edit दरिया बिना पानी का था परबत हिला-डुला श्याम बिहारी श्यामल पत्थर पर उगा था अब तक है खिला-खिला अकेला छोड़ता कहां है कभी यह क... Read More
हौसला भी मुक़म्मल मक़बूल का घोड़ा Shyam Bihari Shyamal 6:50 am 1 Comment Edit ताक़तवर शख्स कभी हक़ में न रहा श्याम बिहारी श्यामल दुश्वारियों ने कई बार हद को तोड़ा है शुक्र है उम्मीदों ने साथ नहीं छोड़ा ह... Read More
छत से टपकती माई-बाबूजी की आहट Shyam Bihari Shyamal 9:12 am Add Comment Edit ताकतीं दीवारें स्नेह-ममत्व से भर कर श्याम बिहारी श्यामल बेशक़ ईंट-पत्थरों का ही हमारा भी घर पर फिक्रमंद रहता बहुत आजकल अक्स... Read More
बाज़ार कुंजड़ों से घिरा था Shyam Bihari Shyamal 8:27 am 2 Comments Edit इत्तिफाक यह या साज़िश कोई श्याम बिहारी श्यामल यहां-वहां खीरा ही खीरा था कौन पहचानता वह हीरा था इत्तिफाक यह या साज़िश कोई ... Read More
गुंबदों को अखरता नीला आसमान Shyam Bihari Shyamal 7:35 am Add Comment Edit कौन सचमुच यहां सबसे बड़ा श्याम बिहारी श्यामल हरेक के ऊपर एक तन कर खड़ा था कहां कौन सचमुच यहां सबसे बड़ा था गुंबदों को अ... Read More
ज़िंदगी इस दरियादिली के मुरीद हैं हम Shyam Bihari Shyamal 7:48 am Add Comment Edit हम कहां से चले और पहुंचे यहां तक श्याम बिहारी श्यामल हमें क्या-क्या न दिया और लिया कितना कम ज़िंदगी इस दरियादिली के मु... Read More
मुर्दे कुछ इस क़दर मुफीद थे माक़ूल थे Shyam Bihari Shyamal 7:44 am Add Comment Edit यह दौर कैसे बेज़ार इस तरह श्याम बिहारी श्यामल हर महक़मे को दिल-ओ-जां से कुबूल थे मुर्दे कुछ इस क़दर मुफीद थे माक़ूल थे ... Read More
चश्म-ए-इमारत कैसे चलते दो पाँवों पर फिदा Shyam Bihari Shyamal 7:32 am 1 Comment Edit चौपाये छकड़ों से क्यों इलाके खूब बिदकते हैं श्याम बिहारी श्यामल पैदल बढ़ने पर दुकां-मकां साथ चलने लगते हैं दिल को जोड़ लेत... Read More
सवाल पुराने साल नया Shyam Bihari Shyamal 7:48 am Add Comment Edit संकल्प ही विकल्प श्याम बिहारी श्यामल आया क्या और क्या गया सवाल पुराने साल नया वक़्त बवंडर बेकाबू क्या-क्या न उसन... Read More