आस्मां को अब आसां कर


अनदेखी अनदेखा कर 

श्याम बिहारी श्यामल 

चुप्पी को तो चुप भी कर 
अनदेखी अनदेखा कर 

इस फ़लक को नई रंगत दे 
बादल को बदल-बदल कर 

क़ायनात को गाना है 
जल को यूं ही जल-जल कर 

ज़हां जगाए रखना है 
कहानी को कह-कह कर 

श्यामल तू  ही आगे आ 
आस्मां को अब आसां कर 





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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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