क्यों इसकी अब तक दवा न बनी है


ताक रहीं बोल रहीं शक़्लें टंगी 

श्याम बिहारी श्यामल 

यह जो टीस-सी ज़िगर में तनी है
क्यों इसकी अब तक दवा न बनी है

खेल खुल चुका.. भरम कोई नहीं 
तब फ़िर क्यों अब भी यह सनसनी है

ताक रहीं बोल रहीं शक़्लें टंगी 
दोस्तों किस रू की यह अलगनी है

पोशीदा नहीं.. तब क्यों पता नहीं 
कैसी यह आखिर चकरघिन्नी है

यहां क्यों दिख रहे और भी श्यामल 
फरेब-ए-नज़र या नज़रज़नी है





Share on Google Plus

About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें