नामवर सिंह शख्स यह हमारे अदब में हुआ है


तारीख़-ए-अदब मिसाल दूसरी खोज के दिखा

श्याम बिहारी श्यामल 

बुलंदी ने बनाया खुद को जिनका पहरुआ है 
नामवर सिंह शख्स यह हमारे अदब में हुआ है

हमें फख्र है हम करीब गए उनके पास रहे
हमारे माथे सजी अब मुसलसल उनकी दुआ है  

ख़ुशकिस्मती हमारी वह बुज़ुर्गी तक साथ रहे 
अभी वह रुखसत हुए, उठता यह गम का धुंआ है 

तारीख़-ए-अदब, मिसाल दूसरी खोज के दिखा
किस क़लमकार के गम में कब पूरा मुल्क रुआ है

श्यामल तरन्नुम-ए-नगमा न तिलिस्म-ए-अफसान 
इल्म-ए-तक़रीर ने ग़ज़ब अनगिन दिल को छुआ है  





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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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1 comments:


  1. श्यामल तरन्नुम-ए-नगमा न तिलिस्म-ए-अफसान
    इल्म-ए-तक़रीर ने ग़ज़ब अनगिन दिल को छुआ है
    ...सही बात

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