सच तो सच आख़िर
श्याम बिहारी श्यामल
एक दिन सब दगा देंगे
आग को सब हवा देंगे
क्या अंदाम, क्या चमन वह
हाथ सारे छुड़ा लेंगे
गम कितना, कब तक मातम
चाहकर क्या सिला देंगे
अश्क़बार होंगे बेशक़
अंत में सब भुला देंगे
श्यामल सच तो सच आख़िर
हमीं ख़ुद को मना लेंगे
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अंदाम = देह
अश्क़बार = आंसू बरसाने वाले
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