देखी यहां हर शै में बेचैनी एक-सी हमने Shyam Bihari Shyamal 9:14 am Add Comment Edit झुकते दीवाने नीले चंदोवे के क्या कहने श्याम बिहारी श्यामल क़ायनात ने इतने प्यार से यूं ही नहीं पहने है सूरज चाँद सितारे धर... Read More
दीदा-ए-चश्म क्यों ज़रा भी उनीन्दा नहीं था Shyam Bihari Shyamal 6:07 am 1 Comment Edit ऊपर कौन हिस्सा जो गंदा नहीं था श्याम बिहारी श्यामल सतह पर जो उतराया था वह ज़िंदा नहीं था दरिया खुद पर पहले ऐसा शर्मिंदा नह... Read More
हम गज़ल-नज़्म रचें या यूं गुनगुनाएं Shyam Bihari Shyamal 9:08 am Add Comment Edit हो कोई शाह-ओ-पुरोहित-ओ-इमाम श्याम बिहारी श्यामल किसी को तोहफ़ा न कभी कोई इनाम ज़िंदगी पक्का हिसाब-क़िताब का नाम ... Read More
उल्फत कल नायाब थी कल भी लाज़वाब Shyam Bihari Shyamal 8:15 am 2 Comments Edit आग से मत खेलिए ज़नाब श्याम बिहारी श्यामल क़ाबू अभी कर लीजिए खतरनाक ख्वाब भूलकर भी आग से मत खेलिए ज़नाब बेक़ाबू लपटें कभी ... Read More
किस ज़माने से कितनी आंखों में Shyam Bihari Shyamal 7:56 am Add Comment Edit जो करना हो कर ले घटा जो काली घिरी है श्याम बिहारी श्यामल सूरत-ए-हाल-ए-ज़हां कैसी यह पास मिरी है स्याह-ओ-सन्नाटे की जैसे बि... Read More
क़िरदार-ए-मज़ाक फ़टेहाल वह Shyam Bihari Shyamal 8:45 am 1 Comment Edit वाराणसी में विजया सिनेमाहॉल में चौदह नवंबर(वर्ष 2018) को फिल्म 'मोहल्ला अस्सी' की स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान विख्यात कथाकार ... Read More
कौन चीख रहा हमारे भीतर Shyam Bihari Shyamal 9:04 am Add Comment Edit मंज़िल क्यों निढाल पड़ी श्याम बिहारी श्यामल लम्हा-ए-क़ामयाबी मुश्किल घड़ी थी यह मंज़िल क्यों इस क़दर निढाल पड़ी थी दिल से ज... Read More
हालात हर हक़ीक़त सामने लाते थे Shyam Bihari Shyamal 9:43 am Add Comment Edit कैसी हम शक्ल दे पाते थे श्याम बिहारी श्यामल जो कंधों से ऊपर उठाये जाते थे दर्जा-ए-ज़िंदा में वह कहां आते थे मर चुक... Read More
वह बे-पानी थे बरसते तो क्या Shyam Bihari Shyamal 7:47 am 1 Comment Edit कहां सुरखाब के पर श्याम बिहारी श्यामल अल्फाज़ बेमानी वह कहते तो क्या ख्वाब आस्मानी थे अब करते तो क्या गरज-गरज तड़क-तड़क... Read More
नायाब सपनों का अनोखा गुलदस्ता निरंजन Shyam Bihari Shyamal 8:32 am Add Comment Edit कभी प्रात का आलाप कभी राग शाम वाला एक ऐसा मन जो सतत सक्रिय प्रयोगशाला ======== .................. चमकता सितारा निरंजन श्य... Read More
देखें इस ज़हर-जुनूं को इल्म कब तक मारता है Shyam Bihari Shyamal 8:42 pm Add Comment Edit ज़हर हज़ार कंठों से मीठे पुकारता था श्याम बिहारी श्यामल कहां कौन उसके बारे में क्या नहीं जानता था ज़हर वह हज़ार कंठों से मी... Read More
दौर-ए-फरेब बिछा था सीढी बनकर Shyam Bihari Shyamal 8:25 am Add Comment Edit चुप्पी चुभी थी मलाल बनकर श्याम बिहारी श्यामल जो कह देते वह कभी करते नहीं थे जो करना था कभी वह खुलते नहीं थे क्य... Read More
हम तो वाक़िफ़ हैं वह असल रंगसाज़ हैं Shyam Bihari Shyamal 10:07 am Add Comment Edit लफ्ज़ मुक़म्मल हैसियत श्याम बिहारी श्यामल क़रीबी जो शातिर और साजिशबाज़ हैं शुरू से हमसे तहेदिल से नाराज हैं रंग बदल जब-तब... Read More
श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल : धरती नहीं किसी भी खूंटी पर टंगी है Shyam Bihari Shyamal 7:58 pm Add Comment Edit सूरज को अब तक तो हंकाना नहीं पड़ा श्याम बिहारी श्यामल यह फूल रंगा है न यह पत्ती रंगी है धरती नहीं किसी भी खूंटी से... Read More
श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल : कुछ ख़ास कहा न गया Shyam Bihari Shyamal 8:02 am 3 Comments Edit बेशर्म झूठ यह सहा न गया श्याम बिहारी श्यामल गुमज़ुबां अब और रहा न गया हालांकि कुछ ख़ास कहा न गया दिन को रात क... Read More
श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल : क्रोशिए से कभी खुद को बुनना Shyam Bihari Shyamal 8:16 am Add Comment Edit सदाएं ज़िंदा अब भी उसकी ज़रूर सुनना श्याम बिहारी श्यामल एक ज़माने से बिखरे हुए तिनके चुनना चाहता हूं क्रोशिए से कभी खुद क... Read More
श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल - हर चेहरा सब कुछ कहता था Shyam Bihari Shyamal 7:18 am 1 Comment Edit नक़ाब-ओ-पैरहन बेमतलब थे यहां श्याम बिहारी श्यामल ज़ालिमों का कुछ भी पोशीदा था कहां नक़ाब-ओ-पैरहन बेमतलब थे यहां खुल... Read More
श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल : हुज़ूम में खोया भी कर Shyam Bihari Shyamal 8:07 am Add Comment Edit आब-ए-ज़माने को धोया भी कर श्याम बिहारी श्यामल हंसी चमके और मुस्कान धुलती चले, रोया भी कर कारोबार-ए-ज़िंदगी चलती रहे, कभी बो... Read More
श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल - 140 Shyam Bihari Shyamal 9:31 am Add Comment Edit शिकंजा कसने की किसमें भला हिम्मत थी श्याम बिहारी श्यामल सबको कुबूल यहां पोशीदा हक़ीक़त थी छुपने-छुपाने की अब कहां ज... Read More
श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल- 139 Shyam Bihari Shyamal 7:38 am Add Comment Edit शरारा ने कहा ज़िंदा रहेंगे हम श्याम बिहारी श्यामल पूरा कुनबा उसी से परेशान था क्योंकि उसके पास अब भी ईमान था आग ... Read More
श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल- 133 Shyam Bihari Shyamal 6:43 am 1 Comment Edit तब तारीख संवरती है श्याम बिहारी श्यामल दायरा टूटे बगैर बात कहां बनती है कहां घड़ी की सुई कभी कहीं पहुंचती हैं रोज़... Read More
श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल- 132 Shyam Bihari Shyamal 7:01 am Add Comment Edit शोलों को जिलाता श्याम बिहारी श्यामल बादल में आग है उससे बात कर फ़ुर्सत में श्यामल से मुलाक़ात कर क्या कहाँ कैसे क... Read More
श्याम बिहारी श्यामल की ग़ज़ल - 131 Shyam Bihari Shyamal 5:45 am Add Comment Edit सच यही यह बस श्याम बिहारी श्यामल जिसे लगती हो लगे यह ग़ज़ल हमारी यह तो ज़िंदगी असल अलामात अल्फाज़ मंज़र सब ... Read More