आईना दिखाता मंज़र उल्टा


गुमज़ुबानी यह क्यों लादी उसने

श्याम बिहारी श्यामल 

रेत हो गए थे मासूम  सपने
नदी सहमी थी साहिल से अपने

चेहरे नहीं खोलते ज़बान क्यों
गुमज़ुबानी यह क्यों लादी उसने

दूर-दूर तक कोई है ही नहीं
अभी-अभी फ़िर पुकारा है किसने

आईना दिखाता मंज़र उल्टा
शायर आखिर क्यों हैं फिदा इतने

श्यामल गली-सड़कों पर निगाह रख
चीलों के झुंड हैं ऊपर कितने






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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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