गहरी खाई में धकेला गया जो था वही असल Shyam Bihari Shyamal 8:00 am 1 Comment Edit पुरखों की भूमि सिताबदियारा के गरीबा टोला गोला (बाजार) में वर्ष २०१६ के जून की एक शाम का यादगार पल! (फोटो क्रेडिट : कथाकार सविता सिंह) ... Read More
क़ायदा-ए- क़ायनात सारे अज़ब-गज़ब Shyam Bihari Shyamal 8:19 am Add Comment Edit बनता गया निहायत मुमकिन श्याम बिहारी श्यामल जमे हुए को गलते व उखड़े को जमते देखा ज़िंदगी की नियामत में क्या-क्या न हमने दे... Read More
मंज़िल को भी हमारे क़दमों का इंतजार था Shyam Bihari Shyamal 5:16 pm 1 Comment Edit ज़िंदगी ने अब तो सीख लिया था रंग बदलना श्याम बिहारी श्यामल हालात से क़रार था या नज़ारा-ए-हार था आखिर क्या था यहां जो सन्नाट... Read More
सबसे मासूम दिखता जो सबसे शातिर ठहरा Shyam Bihari Shyamal 7:21 am Add Comment Edit बयान सब उसके तीन पात थे और ढाक थे श्याम बिहारी श्यामल उसूल-ओ-ईमान अब किरदार-ए-मज़ाक थे मानो न मानो हालात बेहद खतरनाक थे... Read More
अजीब दरपेश था यह वक़्त-ए-खरीद फरोख्त Shyam Bihari Shyamal 8:41 am Add Comment Edit ईमानदार शख्स पर हंस रही थी भीड़ श्याम बिहारी श्यामल शातिर जो खुलेआम क़त्लेआम मचाते थे हैरत है वही कैसे वाहवाही पाते थे ... Read More
कैसी-कैसी शक्लें बदल रहा है सच Shyam Bihari Shyamal 8:11 am 1 Comment Edit चाह रहे कुछ लोग सब कुछ खाक़ कर देना श्याम बिहारी श्यामल यह नासमझी-ए-आम या तारीख़ी भूल है जो शातिर है कैसे अब वह सबको क़ुबू... Read More
मकान तो कच्चे थे लेकिन लोग पक्के थे Shyam Bihari Shyamal 7:27 am Add Comment Edit क़ातिल छुपकर बचा पाता था वज़ूद अपना श्याम बिहारी श्यामल एक दौर जब फरेब के छूटते छक्के थे मकान बेशक़ कच्चे लेकिन लोग पक्क... Read More
कुछ बदन तो कुछ करते थे दिमाग पर हमले Shyam Bihari Shyamal 7:28 am Add Comment Edit हालात-ओ-मंज़र पहेली की तरह श्याम बिहारी श्यामल देखने भर में कुछ ऐसे तो कुछ वैसे थे क़ातिल सारे ही भीतर से एक जैसे थे ... Read More
कैसी भी बुनियाद हिला दे कुछ यूं यह आलाप Shyam Bihari Shyamal 7:28 am 1 Comment Edit हुआ करे चमकता कोई हिमालय सफ़ेदपोश श्याम बिहारी श्यामल इत्तफाक़ इससे कहिए कितना रखते हैं आप जो सिर्फ डसता है हम तो उसे कहते... Read More
आईना दिखाता मंज़र उल्टा Shyam Bihari Shyamal 7:22 pm Add Comment Edit गुमज़ुबानी यह क्यों लादी उसने श्याम बिहारी श्यामल रेत हो गए थे मासूम सपने नदी सहमी थी साहिल से अपने चेहरे नहीं... Read More
क़ातिल निकला शक़्ल-ए-फक़ीर अभी-अभी Shyam Bihari Shyamal 7:47 am Add Comment Edit अपने होने का सुबूत लेकर निकलिए श्याम बिहारी श्यामल इस वज़ूद को मुकम्मल कतई न समझिए अपने होने का सुबूत लेकर निकलिए ... Read More
क्या मुकाम-ए-इंसां जो नज़र न आता था Shyam Bihari Shyamal 8:31 am Add Comment Edit विजेता गिरा था खुमार-ए-जश्न में श्याम बिहारी श्यामल हर घूंट उसे सिर्फ भड़काता ही जाता था प्यास का बेचैनी से यह कैसा ... Read More
चिन्गारियों का लगता है कहीं असर हुआ है Shyam Bihari Shyamal 8:10 am Add Comment Edit कुछ लिखना अब तो महज़ जुआ है श्याम बिहारी श्यामल ज़ाहिरन ऊपर तक यूं ही नहीं धुआं-धुआं है चिन्गारियों का लगता है कहीं असर हुआ ... Read More
दरहक़ीक़त चट्टे-बट्टे सब Shyam Bihari Shyamal 8:10 am Add Comment Edit शातिरों के अनगिन रैले श्याम बिहारी श्यामल दरअसल जो मन के मैले थे नीचे से ऊपर तक फैले थे दरहक़ीक़त चट्टे-बट्टे ... Read More
मुर्दे जल पर फैले ऊपर Shyam Bihari Shyamal 8:15 am Add Comment Edit मसखरे की मस्ती क्या ग़ज़ब श्याम बिहारी श्यामल क़दम-क़दम पर खुलेआम था उसूलों का कत्लेआम था मुर्दे जल पर फैले ऊपर नज्र... Read More
Shyam Bihari Shyamal 7:22 am 1 Comment Edit कुनबा-ए-फरेब शबाब पर श्याम बिहारी श्यामल जहां जो भी खरा-सच्चा था बमुश्किल बाल-बाल बचा था शब्द खा चुकी शातिर चुप्पी ... Read More
चक्की को समझने में उम्र निकल गई Shyam Bihari Shyamal 7:49 am Add Comment Edit वह साथ पिसती रही पीसते-पीसते श्याम बिहारी श्यामल चीर कर मुश्किल हालात को आहिस्ते सामने आ ही जाते हैं कई रास्ते सूर... Read More
आप कैमरे की नज़र में हैं Shyam Bihari Shyamal 7:11 am 1 Comment Edit कौन कहां से चला रहा तीर श्याम बिहारी श्यामल सड़क पर या अपने घर में हैं आप कैमरे की नज़र में हैं हवा नहीं अ... Read More
वक़्त बदल रहा हर पल हर क़दम Shyam Bihari Shyamal 8:52 am 2 Comments Edit यकीं-ए-रोशनी के वास्ते श्याम बिहारी श्यामल चीर कर मुश्किल हालात को आहिस्ते आ ही जाते हैं सामने कई रास्ते सूरज से ... Read More
नामालूम-सा रहता है वह जो शख्स गली में Shyam Bihari Shyamal 8:51 am Add Comment Edit शातिर हैं चुप्पियां श्याम बिहारी श्यामल ऐसी कि जैसी सोची न हो कभी हमने-आपने एक दिन ऐसी दुनिया होगी आंखों के सामने ... Read More
ऊंचाई पर मुस्कान एक अड़ी Shyam Bihari Shyamal 8:23 am Add Comment Edit उल्फत अब भी ज़ादू की छड़ी श्याम बिहारी श्यामल अपने-आप में दुनिया चाहे जितनी हो बड़ी दिल के सामने आज भी सिर झुकाये वह खड़... Read More
अंधेरे को जमकर धिक्कारते रहिए Shyam Bihari Shyamal 7:36 am 1 Comment Edit अनहोनी भी घटेगी श्याम बिहारी श्यामल सरेज़िंदगी होनी अगर होकर रहेगी बिल्कुल अटल है अनहोनी भी घटेगी खदेड़ तो रहा... Read More