वाराणसी में २७-२८ अक्टूबर'१८ की देर रात लहुरावीर पर नक्कटैया मेले में सविता जी की सेल्फी |
खूंरेज़ महल यह तो
श्याम बिहारी श्यामल
किनारा जो कर रहे
सामना से डर रहे
सामना से डर रहे
टिक पाएंगे कैसे
फ़िक्र में ही मर रहे
फ़िक्र में ही मर रहे
ऊपर झूठा रुआब
भीतर थरथर कर रहे
भीतर थरथर कर रहे
गिरे मुखौटा उनका
सच न अब अंदर रहे
सच न अब अंदर रहे
खूंरेज़ महल यह तो
अश्क़ जिससे झर रहे
अश्क़ जिससे झर रहे
उन्हें मुबारक़ क़िला
हमारा यह घर रहे
हमारा यह घर रहे
सुखनवर श्यामल मगन
नज़्म अभी संवर रहे
नज़्म अभी संवर रहे
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