ओ दुनिया को रुलाने वाले..



बेशक तुम शिकंजाकश रहे 

श्याम बिहारी श्यामल 

दु:ख तुम जितना ही हंस रहे 
दरहक़ीक़त उतना फंस रहे

ओ दुनिया को रुलाने वाले
कैसे बे-अश्क़ जस के तस रहे 

फ़रेब अब यह पोशीदा कहां
तुम्हीं असली आराकश रहे 

बिन बुलाए धमक जाते यहां
बेशक तुम शिकंजाकश रहे 

श्यामल अंजाम को रोके कौन  
ख़ुद-ब-ख़ुद अल-वजूद धंस रहे




Share on Google Plus

About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें