कहीं उलट कहीं पलट कहीं अज़ब अंट शंट


वक़्त बर्बाद न कर वक़्त के पीछे 

श्याम बिहारी श्यामल 

कौन रोके मनमानी और गड़बड़झाला
वक़्त कहां अपना क़िरदार बदलने वाला

कहीं उलट कहीं पलट कहीं अज़ब अंट शंट 
उसके दिमाग पर है एक लटकता ताला 

अंदाज़-ओ-नीयत सब दिखें उलझे-उलझे
उसकी हर बात जैसे कोई घना जाला 

किस तिनके को कब उड़ा ले, बुलंदी सौंपे
कब बुलंदी मिटा दे, कौन समझने वाला 

श्यामल वक़्त बर्बाद न कर वक़्त के पीछे 
उस पर इख्तियार कहां कभी चलने वाला





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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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