लाखों साल में यह तस्वीर-ए-ज़हां लहराई



आब आतिश से आया, आग पानी ने जलाई 

श्याम बिहारी श्यामल 

तहज़ीब अचानक बनी न किसी एक ने बनाई 
रोशनी-ए-इल्म दूर से आते-आते आई 

कभी किसी ने कुछ तो किसी ने कुछ और खोजा 
एक-एक कर रंगत-ए-अस्बाब यूं खिल पाई   

कितनों ने अपना घर व कितनों ने खुद को फूंका
आब आतिश से आया, आग पानी ने जलाई   

कैसे-कैसे काम निकला, कितनी मेहनत हुई 
लाखों साल में यह तस्वीर-ए-ज़हां लहराई  

सफ़र यह आदम का साझा दुनिया भर में चला 
श्यामल बात यह तवारीख ने लिखी, समझाई  





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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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