क़ैद में परिंदे बहुत परेशान
श्याम बिहारी श्यामल
नीम हक़ीम जो खतरा-ए-जान थे
कैसे वही अब पसंद-ए-जहान थे
ज़ाहिर है बौनों को बौने मुफ़ीद
सच है हम ज़रा भी नहीं हैरान थे
नक़ली पंखों की उड़ान अजब-ग़ज़ब
क़ैद में परिंदे बहुत परेशान थे
कोई अता न पता था अंजाम का
मेरे हाथ बस केवल इम्तिहान थे
श्यामल होना भला बड़ी बात कहां
पर जो न थे ऐसा क्यों पशेमान थे
जवाब देंहटाएंनक़ली पंखों की उड़ान अजब-ग़ज़ब
क़ैद में परिंदे बहुत परेशान थे...वाह वाह