हालात तो बदलेंगे
श्याम बिहारी श्यामल
चाहे थोड़ी ही किंतु आग को जलाए रख
हालात तो बदलेंगे यकीं को बचाए रख
कौन सुन रहा या कौन नहीं फ़र्क कहां यहां
बस इतना कर वाज़िब सवाल को जिलाए रख
छाने न पाए भीतर तक मुर्दा सन्नाटा
किसी की कुछ न सुन ज़िंदा शोर को मचाय रख
धुएं की मानिंद है यह ज़ुल्म-ओ-सितम स्याह
एकता से दहशत-ए-वक़्त को डराए रख
श्यामल यह दौर दरअसल नीम बेहोशी का
तेवर कड़े रख मनबढ़ नींद को भगाए रख
जवाब देंहटाएंछाने न पाए भीतर तक मुर्दा सन्नाटा
किसी की कुछ न सुन ज़िंदा शोर को मचाय रख...क्या बात है 👌लाजवाब