शरारा ने कहा ज़िंदा रहेंगे हम
श्याम बिहारी श्यामल
पूरा कुनबा उसी से परेशान था
क्योंकि उसके पास अब भी ईमान था
आग से कैसे कोई गाफिल रहता
कागज़ी पैरहन खतरा-ए-जान था
वह समझाते थे बुझने के फ़ायदे
लपटें अड़ी थीं हर शख्स हैरान था
शरारा ने कहा ज़िंदा रहेंगे हम
नाकुबूल लालच का हर सामान था
उठी हुई अंगुली असरदार श्यामल
गला बचाना मगर कहां आसान था
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