दीदा-ए-चश्म क्यों ज़रा भी उनीन्दा नहीं था


ऊपर कौन हिस्सा जो गंदा नहीं था

श्याम बिहारी श्यामल 

सतह पर जो उतराया था वह ज़िंदा नहीं था 
दरिया खुद पर पहले ऐसा शर्मिंदा नहीं था 

फितरत-ए-आब पर आ रहा था केवल रोना
सबसे ऊपर कौन हिस्सा जो गंदा नहीं था

जुनून-ए-मुर्दानगी से बचा हो बाल-बाल
अब तो दरिया कोई ऐसा चुनिंदा नहीं था

जाग रहा था एक ज़माने से वह परेशान
दीदा-ए-चश्म क्यों ज़रा भी उनीन्दा नहीं था

श्यामल चमक रहे थे रोशनी के बडे मुक़ाम
सवाल कि साहिल यहाँ कैसे ताबिंदा नहीं था





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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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1 comments:

  1. सतह पर जो उतराया था वह ज़िंदा नहीं था
    दरिया खुद पर पहले ऐसा शर्मिंदा नहीं था ....गजब

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