क़िरदार-ए-मज़ाक फ़टेहाल वह

वाराणसी में विजया सिनेमाहॉल में चौदह नवंबर(वर्ष 2018) को फिल्म 'मोहल्ला
अस्सी' की स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान विख्यात कथाकार डा. काशीनाथ सिंह के 
साथ यादगार पल ! फिल्म डा. सिंह के बहुचर्चित उपन्यास 'काशी का अस्सी' 
पर आधारित है! (फोटो क्रेडिट : सविता सिंह)

कहने को बचा ही था क्या

श्याम बिहारी श्यामल 

उसूल दरअसल अब दरकिनार था
खुलेआम मक़बूल गुनहगार था

खून सने हाथों वाला आदमी
ज़माने में सबसे असरदार था

क़िरदार-ए-मज़ाक फ़टेहाल वह
सच्चा जो और  ईमानदार था

बुलन्दियों पर क़ाबिज़ था कोहरा
अंधेरा भारी रसूखदार था

श्यामल कहने को बचा ही था क्या
ज़हां-ए-अल्फाज़ अब बीमार था






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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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