अंदर यह मुंसिफ है जो Shyam Bihari Shyamal 5:57 am Edit शोर भीतर ही मचा है श्याम बिहारी श्यामल ज़िल्लत से कहां बचा है चोर कितना भी छुपा है ज़हां से लाख पोशीदा शोर भीतर ही मचा है अदालत-ए-ज़हन में कब कोई जरायम पचा है अंदर यह मुंसिफ है जो बड़ा खुर्राट सच्चा है श्यामल खेल क़ुदरत का यह बेशक़ ज़रा न कच्चा है Share on Facebook Share on Twitter Share on Google Plus About Shyam Bihari Shyamal Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel. RELATED POSTS
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कोई जरायम पचा है
...क्या बात