कील ठहरे पर ठुका न गया १६
दर-ए-इब्लीस रुका न गया १६

थोड़ा झुकना फ़ायदा बहुत १६
ज़रूरत भी, पर झुका न गया १६

गुफ़ा से जाना था खज़ाना १६
बेपैरहन तो ढुका न गया १६

बेपैरहन गुफा से पाना 
पाना खज़ाना 
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About Shyam Bihari Shyamal

Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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