शैतानिस्तान मिटाने की पक्की धुन चाहिए
श्याम बिहारी श्यामल
मौत दिखी तो कहने लगा अमन-ओ-सुकून चाहिए
वह भेड़िया है सबको पता है उसे खून चाहिए
दहशत का कारखाना चला रहा कैसे खुलेआम
उसके खिलाफ तो पूरी दुनिया का जुनून चाहिए
इंसानियत को करता रहा वह अब तक लहूलुहान
यह शैतानिस्तान मिटाने की पक्की धुन चाहिए
सबके सीने पर हरे हैं उसके दिए सारे ज़ख्म
भला कौन नहीं चाहता है हिसाब चुन-चुन चाहिए
श्यामल इतनी इनायत दुश्मन-ए-अमन पर ज़रूरी
उसे दो गज ज़मीं चाहिए नींद पुरसुकून चाहिए
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