क़ुदरत ने पहले बेशक़ रंग ही बनाए
श्याम बिहारी श्यामल
बच न पाए कहीं कुछ भी कोई ज़रा भी संगीन
रंग डालिए बना दीजिए हर शै को रंगीन
सभी सात रंगों में सात स्वर तुरंत मिलाइए
खुद फिर देखिए कैसे ज़िंदगी नायाब मुमकिन
यूं ही नहीं हर मंज़र नग्म-ओ-ग़ज़ल में ढल रहा
सराबोर रवानी-ए-तरन्नुम में ग़ज़ब पलछिन
क़ुदरत ने पहले बेशक़ रंग ही बनाए होंगे
चित्र-पटल पर तब क़ायनात और रात और दिन
श्यामल उमंग तरंग सभी को खुला छोड़ दीजिए
जांचिए लगे हाथ रंग-ए-बज़्म-ए-सामईन
जवाब देंहटाएंसभी सात रंगों में सात स्वर तुरंत मिलाइए
खुद फिर देखिए कैसे ज़िंदगी नायाब मुमकिन ...रंगों की गोली से रंगीन होली की शुभकामनाएं