कोई नागनाथ है तो कोई सांप नाथ
श्याम बिहारी श्यामल
मैदान मारने को कोई किसी के साथ
शर्त यह केवल कि हुकूमत आ जाए हाथ
क्या मतलब उनके रंग-बिरंगे नारों का
कोई नागनाथ है तो कोई सांप नाथ
शहर से लेकर गांवों तक देखिए उन्हें
चूम रहे अभी कैसे हर पगडंडी-पाथ
दौर-ए-इंतखाब पूछ खूब हर शख्स की
उसके बाद तो हमलोग अनाथ के अनाथ
श्यामल मुमकिन है पाताल में भी झांकना
लेकिन आसां नहीं उनका पढ़ पाना माथ
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इंतख़ाब = चुनाव
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