बेशक तुम शिकंजाकश रहे
श्याम बिहारी श्यामल
दु:ख तुम जितना ही हंस रहे
दरहक़ीक़त उतना फंस रहे
ओ दुनिया को रुलाने वाले
कैसे बे-अश्क़ जस के तस रहे
फ़रेब अब यह पोशीदा कहां
तुम्हीं असली आराकश रहे
बिन बुलाए धमक जाते यहां
बेशक तुम शिकंजाकश रहे
श्यामल अंजाम को रोके कौन
ख़ुद-ब-ख़ुद अल-वजूद धंस रहे
About
Shyam Bihari Shyamal
Chief Sub-Editor at Dainik Jagaran, Poet, the writer of Agnipurush and Dhapel.
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