सच तब भी केशव संग आज भी रामभरोसे
श्याम बिहारी श्यामल
कहां कोई जो मौक़े पर सच के साथ हो ले
अंजुमन में कौन जो डटकर जायज़ बात बोले
क्यों सभाओं में भीष्म अब भी कोई चुप दिखता
छूट दुशासन को वह चाहे जिसका चीर हर ले
हस्तिनापुर से दिल्ली का सफ़र लंबा लेकिन
कोई तवारीख़-ओ-हालात से मिलान कर ले
सच तब भी केशव संग आज भी रामभरोसे
अवाम अब तो राह-ए-बदलाव-ए-मिज़ाज धर ले
श्यामल झूठ को झूठ कहने का असर किस क़दर
महफ़िल एक साथ तो बोले औ' तस्दीक कर ले
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अंजुमन = सभा
जायज़ = उचित
तवारीख़ = इतिहास
केशव = भगवान श्रीकृष्ण
राह-ए-बदलाव-ए-मिज़ाज = स्वभाव में परिवर्तन का रास्ता
महफ़िल = सभा
तस्दीक = प्रमाणित
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