ज़ादू यह अज़ब क़ारीगर वह ग़ज़ब
श्याम बिहारी श्यामल
चुप कहां कभी रह पाती तन्हाई
मद्धिम कभी तेज गाती तन्हाई
कैसे-कैसे राग अलापती दोस्तो
अतीत को बुला ले आती तन्हाई
बुनने लगती है आने वाला कल
नक्श दिलकश बना जाती तन्हाई
अकेला कभी वह छोड़ती है कहां
संगत खुशरंग सजाती तन्हाई
ज़ादू यह अज़ब क़ारीगर वह ग़ज़ब
खाक़ को श्यामल बनाती तन्हाई
अकेला कभी वह छोड़ती है कहां
जवाब देंहटाएंसंगत खुशरंग सजाती तन्हाई...वाह 👌वाह