उस दिन देख चिहुंक जाओगे
श्याम बिहारी श्यामल
हालात बेशक़ कुछ कच्चे हैं
इन कंधों पर अभी बच्चे हैं
इस हौसले को क्या तोलोगे
तुम्हारे पास बटखरे कहां सच्चे हैं
उस दिन देख चिहुंक जाओगे
पास ही तेरे परखच्चे हैं
कैसे दौड़ना, पता है हमें
यह भी कि कहां-कहां लुच्चे हैं
श्यामल ज़ाल निगाह में मेरी
वाकिफ़ हम भी कहां गच्चे हैं
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